सोमवार 15 जुलाई को जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के डोडा (DODA) जिले में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों (terrorists) के साथ भीषण मुठभेड़ (Encounter) में एक अधिकारी समेत पांच भारतीय सैनिक ( Indian soldiers) शहीद हो गए। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान (Pakistan) समर्थित आतंकवादी समूह (terrorist group) जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) (Jaish-e-Mohammed (JeM)) ने अपने छद्म संगठन ‘कश्मीर टाइगर्स’ (Kashmir Tigers) के माध्यम से ली है।
सैन्य अधिकारियों के अनुसार, मुठभेड़ (Encounter) उस समय हुई जब राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) की एक संयुक्त टीम ने जिला मुख्यालय से लगभग 55 किलोमीटर दूर डोडा (DODA) के देसा वन क्षेत्र में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया। इस क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी का सुझाव देने वाली खुफिया सूचनाओं के आधार पर अभियान शुरू किया गया था।जैसे ही सुरक्षा बल संदिग्ध ठिकाने के पास पहुंचे, वे आतंकवादियों (terrorists) की भारी गोलीबारी की चपेट में आ गए, जिसके बाद भीषण मुठभेड़ (Encounter) शुरू हो गई। चुनौतीपूर्ण इलाके और घने जंगल के बावजूद, सैनिकों ने बहादुरी से आतंकवादियों (terrorists) का पीछा किया, जिसके बाद रात 9 बजे के आसपास एक और दौर की गोलीबारी हुई। दुर्भाग्य से, मुठभेड़ (Encounter) के दौरान एक अधिकारी सहित पांच सैनिक घायल हो गए।
जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed (JeM)) के एक छद्म संगठन ‘कश्मीर टाइगर्स’ (Kashmir Tigers) ने एक बयान में हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमें आरोप लगाया गया कि सुरक्षा बल इलाके में “मुजाहिदीन” की तलाश कर रहे थे। उल्लेखनीय रूप से, यह वही समूह है जिसने 9 जुलाई को कठुआ (Kathua) में भारतीय सेना ( Indian army) के काफिले पर हमले की जिम्मेदारी ली थी।इस मुठभेड़ ने व्यापक आक्रोश और चिंता को जन्म दिया है, जिसमें कई लोगों ने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी है। यह घटना जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) में चल रही सुरक्षा चुनौतियों को उजागर करती है, जहां पाकिस्तान (Pakistan) द्वारा समर्थित आतंकवादी समूह (terrorist group) क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा बना हुआ हैं।