केरल (Kerala) के वायनाड (Wayanad) में मंगलवार, 30 जुलाई को सुबह-सुबह एक बड़ा भूस्खलन (Landslide) हुआ, जिससे व्यापक तबाही हुई और लोगों की जान चली गई। अब तक 151 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य लापता बताए जा रहे हैं। बचाव अभियान जारी है, जिसमें मलबे में फंसे लोगों को खोजने और बचाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री की सतर्कता: केरल (Kerala) के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Chief Minister Pinarayi Vijayan) वायनाड (Wayanad) में स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं। मुख्यमंत्री यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि बचाव और राहत अभियान कुशलतापूर्वक और तेज़ी से चलाए जा रहे हैं, ताकि आगे और नुकसान को कम किया जा सके।प्रमुख अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा कियास्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज जल्द ही वायनाड (Wayanad) पहुँचने वाली हैं। इसके अलावा, केरल (Kerala) के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी वायनाड (Wayanad) के लिए रवाना हो रहे हैं। उनके दौरे का उद्देश्य चल रहे बचाव अभियान का आकलन करना और आवश्यक सहायता प्रदान करना है।
बढ़ती हुई मौतों की संख्या: वायनाड (Wayanad) भूस्खलन (Landslide) से मरने वालों की संख्या बढ़कर 151 हो गई है। भारतीय सेना ने चूरलमाला में बचाव अभियान शुरू किया है, जिसमें चार टीमें क्षेत्र में तैनात की गई हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) भी फंसे हुए लोगों को बचाने में सक्रिय रूप से शामिल है।
मौसम संबंधी चेतावनियाँ और आगे के जोखिम: भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अगले तीन घंटों में तेज़ हवाओं के साथ भारी बारिश का पूर्वानुमान लगाया है। पथानामथिट्टा, अलप्पुझा, कोट्टायम और एर्नाकुलम जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। वायनाड(Wayanad) , कोझीकोड, कन्नूर और कासरगोड में भी भारी बारिश की संभावना है।
समन्वित बचाव प्रयास: केरल (Kerala) राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) के अनुसार, बचाव अभियान में कई एजेंसियाँ शामिल हैं। इनमें अग्निशमन और बचाव, नागरिक सुरक्षा, NDRF और स्थानीय आपातकालीन प्रतिक्रिया दल शामिल हैं। DSC केंद्र कन्नूर से लगभग 200 भारतीय सेना के जवान और कोझीकोड से 122 TA बटालियन घटनास्थल पर हैं।
बचाव अभियान में हवाई सहायता: भारतीय वायु सेना ने बचाव अभियान में सहायता के लिए दो हेलीकॉप्टर, एक MI-17 और एक ALH तैनात किए हैं। बचाव अभियान के दूसरे दिन, प्रादेशिक सेना की 122वीं इन्फैंट्री बटालियन के सैनिक मेप्पाडी और वायनाड (Wayanad) में भूस्खलन (Landslide) से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए अपने आश्रय स्थलों से निकल पड़े।
शैक्षणिक संस्थान बंद: आपदा और लगातार बारिश के मद्देनजर, वायनाड (Wayanad) में सभी स्कूल और कॉलेज बुधवार, 31 जुलाई को बंद रहेंगे। इसके अलावा, केरल (Kerala) के 11 जिलों में छुट्टी घोषित की गई है, जिनमें कासरगोड, कन्नूर, कोझीकोड, वायनाड (Wayanad) , मलप्पुरम, पलक्कड़, त्रिशूर, इडुक्की, एर्नाकुलम, अलप्पुझा और पथानामथिट्टा शामिल हैं।
घायलों के लिए चिकित्सा देखभाल: वायनाड (Wayanad) भूस्खलन (Landslide) में घायल हुए 120 से अधिक लोगों का जिले के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। अधिकांश पीड़ित चाय बागानों में काम करने वाले थे, जो बागानों के पास या सड़क किनारे छोटे घरों में रहते थे।
बचाव की चुनौतियाँ और प्रगति: NDRF कमांडर अखिलेश कुमार ने बताया, “कल हमने मुंदक्कई गाँव से घायल पीड़ितों को बचाया। हमें डर है कि और भी पीड़ित ढही हुई इमारतों के नीचे फँसे हुए हैं। कल रात 10 बजे तक हमने 70 लोगों को बचाया था, लेकिन खराब मौसम और भारी बारिश के कारण हमें रुकना पड़ा।”विस्थापितों के लिए अस्थायी आश्रयकुमार ने आगे बताया, “कई टीमें बचाव अभियान चला रही हैं, इसलिए हम मृतकों की सही संख्या नहीं बता सकते। हमें केवल उन शवों के बारे में पता है जिन्हें हमारी टीम ने बरामद किया है। लोगों को नदी के उस पार एक रिसॉर्ट और एक मस्जिद में आश्रय दिया जा रहा है। लगातार हो रही बारिश के कारण एक और भूस्खलन (Landslide) का खतरा है।”सेना का वीरतापूर्ण प्रयासवायनाड (Wayanad) में तैनात सेना ने भारी बारिश और भूस्खलन (Landslide) के कारण स्थायी बुनियादी ढाँचे के बह जाने के बाद एक अस्थायी पुल का उपयोग करके लगभग 1,000 लोगों को सफलतापूर्वक बचाया है।