बीजिंग ओलंपिक (Beijing Olympics) के बाद से भारतीय पहलवान (Wrestler) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूम मचा रहे हैं। हालांकि, लगातार चार ओलंपिक (Olympics) में पदक जीतने के बाद, पेरिस (Peris) में जीत की राह आसान नहीं होगी। पिछले वर्षों की तुलना में केवल एक पुरुष और पांच महिला पहलवान ही ओलंपिक (Olympics) के लिए क्वालीफाई कर पाए हैं।
H2: उम्मीदों का भार (The Weight of Expectation): अमन सहरावत, विनेश फोगट, अंतिम पंघाल, अंशु मलिक, निशा दहिया और रितिका हुड्डा (Aman Sehrawat, Vinesh Phogat, Antim Panghal, Anshu Malik, Nisha Dahiya and Ritika Hooda) कुछ चुनिंदा पहलवान हैं जो भारत की उम्मीदों को अपने कंधों पर उठाएंगे। अमन और विनेश जहां अनुभवी पहलवान (Wrestler) हैं, वहीं अन्य सीनियर सर्किट में अपेक्षाकृत नए हैं।
H2: अमन सहरावत: डार्क हॉर्स (Aman Sahrawat: The Dark Horse): 57 किलोग्राम वर्ग में रवि दहिया की जगह लेने वाले अमन सहरावत एक ताकतवर पहलवान (Wrestler) हैं। उनकी चपलता और धीरज उन्हें एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी बनाता है। हालांकि, रणनीति और प्लान बी की कमी उनकी हार का कारण बन सकती है।
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H2: विनेश फोगट: द ऐस (Vinesh Phogat: The Ace): विनेश फोगट (Vinesh Phogat) महिला वर्ग में भारत की सर्वश्रेष्ठ दावेदार हैं। उनका मजबूत डिफेंस और अटैक उन्हें शीर्ष दावेदार बनाता है। हालांकि, कम वजन वर्ग में उनके अनुभव की कमी और हाल ही में लगी चोटों के कारण उनका प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।
H2: अंतिम पंघाल: द यंग तुर्क (Antim Panghal: The Young Turk): ओलंपिक (Olympics) के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय पहलवान (Wrestler) अंतिम पंघाल (Antim Panghal) अपनी चपलता और तेज चाल के लिए जानी जाती हैं। हालांकि, प्रमुख टूर्नामेंटों में उनके अनुभव की कमी और हाल ही में लगी चोटों के कारण उन्हें पीछे रहना पड़ सकता है।
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H2: अंशु मलिक: आक्रामक (Anshu Malik: The Aggressor): जूनियर विश्व चैंपियन अंशु मलिक अपनी आक्रामक शैली के लिए जानी जाती हैं। मैट पर उनकी गति और चाल उनकी ताकत हैं। हालांकि, उनकी फिटनेस और हाल ही में लगी चोटें चिंता का विषय हैं।
H2: निशा दहिया: द डार्क हॉर्स ( Nisha Dahiya: The Dark Horse): निशा दहिया, जो रडार के नीचे उड़ रही हैं, में आश्चर्यचकित करने की क्षमता है। उनकी आक्रामक शैली और जोखिम लेने की क्षमता उन्हें एक दुर्जेय प्रतिद्वंद्वी बनाती है। हालांकि, प्रमुख टूर्नामेंटों में उनके अनुभव की कमी उनके पतन का कारण बन सकती है।
H2: रितिका हुड्डा: द पावरहाउस (Ritika Hooda: The Powerhouse): रितिका हुड्डा, जो अपनी ताकत और तकनीक के लिए जानी जाती हैं, एक ऐसी ताकत हैं, जिनका मुकाबला किया जा सकता है। हालांकि, मैच के आखिरी 30 सेकंड में ध्यान भटकाने की उनकी आदत उन्हें भारी पड़ सकती है।
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