महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव (Maharashtra Legislative Council Election) में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 11 में से नौ सीटों पर जीत हासिल की है। इसमें उसके घटक दलों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। यह जीत महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन द्वारा हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले एनडीए को कड़ी चुनौती देने के बाद मिली है। हाल ही में हुए चुनाव में एनडीए गठबंधन (NDA alliance) ने बहुमत हासिल किया है। भाजपा (BJP) ने पांच सीटें जीती हैं, शिवसेना (शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) (अजित पवार गुट) ने दो-दो सीटें जीती हैं, जबकि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे-uddhav balasaheb thackeray) और कांग्रेस (Congress) ने एक-एक सीट जीती है। उल्लेखनीय है कि शरद पवार द्वारा समर्थित जयंत पाटिल (Jayant Patil) चुनाव हार गए हैं। विधान परिषद (Legislative Assembly) में एक सीट जीतने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 23 विधायकों के वोट की जरूरत होती है। भाजपा के पास 103 विधायक हैं, शिवसेना (शिंदे गुट) के पास 38, एनसीपी (NCP) (अजित पवार गुट) के पास 42, कांग्रेस के पास 37, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पास 15 और एनसीपी (NCP) (शरद पवार गुट) के पास 10 विधायक हैं।
एनडीए गठबंधन (NDA alliance) की जीत में भाजपा की पंकजा मुंडे सहित सभी नौ उम्मीदवारों की जीत शामिल है, जबकि कांग्रेस की प्रज्ञा सातव भी जीती हैं। शिवसेना (Shivsena) (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने एक सीट जीती, लेकिन शरद पवार (Sharad Pawar) समर्थित उम्मीदवार जयंत पाटिल हार गए। अंतिम सीट के लिए हुए कांटे के मुकाबले में उद्धव ठाकरे गुट के मिलिंद नार्वेकर ने शरद पवार समर्थित पीपुल्स वर्कर्स एंड पीजेंट्स पार्टी (पीडब्ल्यूपीपी) के जयंत पाटिल (jayant Patil) को हराया।
चुनाव में 11 सीटों के लिए 12 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, जिसमें कांग्रेस (Congress) के वोटों के विभाजन पर सवाल उठे। कांग्रेस (congress) के 37 विधायकों में से 25 ने प्रज्ञा सातव को अपनी पहली पसंद के तौर पर वोट दिया, जिससे 12 वोटों का हिसाब नहीं हो पाया। मिलिंद नार्वेकर को 22 प्रथम वरीयता वाले वोट मिले, जिनमें से 15 ठाकरे गुट के थे, जो दर्शाता है कि संभवतः सात वोट कांग्रेस (congress) से आए थे। जयंत पाटिल (jayant Patil) को 12 प्रथम वरीयता वाले वोट मिले, जो सभी शरद पवार गुट के थे, जिससे कांग्रेस के पांच वोटों का हिसाब नहीं हो पाया।
इस जीत को महाराष्ट्र (Maharashtra) में एनडीए गठबंधन (NDA alliance) के लिए एक महत्वपूर्ण बढ़ावा के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि भाजपा (BJP) और उसके सहयोगी दलों ने चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है। परिणाम विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस (Congress) की एकता और रणनीति पर भी सवाल उठाते हैं, जिसके वोट बंट गए।