पटना: राजद (RJD) विधायक भाई वीरेंद्र ने बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर विवाद खड़ा कर दिया है। वीरेंद्र ने कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) महिलाओं के मोहताज हैं, इसलिए वे महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं।
महिला आरक्षण पर नीतीश कुमार की टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया (Nitish Kumar’s Remarks on Women’s Reservation Spark Controversy): राज्य विधानसभा (Assembly) में एक सत्र के दौरान नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि उनकी सरकार (Government) ने बिहार (Bihar) में महिलाओं को सबसे अधिक आरक्षण दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार (Government) महिला सशक्तिकरण के लिए काम करती है, जिस पर वीरेंद्र ने प्रतिक्रिया व्यक्त की।विधानसभा में वीरेंद्र की टिप्पणी से हंगामा (Virendra’s Remarks Spark Uproar in Assembly)विधानसभा (Assembly) में वीरेंद्र की टिप्पणी से हंगामा खड़ा हो गया, जिस पर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने राजद (RJD) विधायक पर पलटवार किया। कुमार ने कहा कि वीरेंद्र की टिप्पणी अस्वीकार्य है और वे ऐसी भाषा को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
नीतीश कुमार ने जाति जनगणना पर अपनी सरकार के रुख का बचाव किया (Nitish Kumar Defends His Government’s Stand on Caste Census): नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जाति जनगणना (Caste Census) पर अपनी सरकार (Government) के रुख का भी बचाव करते हुए कहा कि उनकी सरकार (Government) ने जनगणना कराने से पहले सभी दलों को विश्वास में लिया था। उन्होंने कहा कि जनगणना समाज के गरीब और हाशिए पर पड़े वर्गों की पहचान करने के लिए कराई गई थी।
विपक्ष ने विधानसभा में हंगामा किया (Opposition Creates Ruckus in Assembly): विपक्ष ने विधानसभा (Assembly) में हंगामा किया, जिसमें आरजेडी (RJD) विधायकों ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की टिप्पणी का विरोध किया। हंगामे के कारण विधानसभा (Assembly) सत्र स्थगित कर दिया गया।
नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष दर्जा देने को लेकर कांग्रेस पर हमला किया (Nitish Kumar Attacks Congress Over Special Status to Bihar): नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बिहार (Bihar) को विशेष दर्जा देने में विफल रहने को लेकर कांग्रेस पार्टी (Congress party) पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार (Government) 2010 से बिहार (Bihar) के लिए विशेष दर्जा की मांग कर रही थी, लेकिन कांग्रेस (congress) के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार (Upa Government) इसे पूरा करने में विफल रही।