द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए रूस की दो दिवसीय यात्रा पर पीएम मोदी

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russia President valdmir Putin) के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister Narendra Modi) 8 से 9 जुलाई (july) तक रूस (Russia) की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। दोनों नेता 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन ( India-Russia Annual Summit) में भाग लेंगे, जहाँ वे द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे और रक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करेंगे। शिखर सम्मेलन के दौरान, पीएम मोदी (Pm modi) और राष्ट्रपति पुतिन से व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान सहित द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक बातचीत करने की उम्मीद है। दोनों देशों द्वारा रक्षा, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में कई समझौतों और समझौता ज्ञापनों (MOU) पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है। भारत और रूस (INDIA AND RUSSIA ) के बीच लंबे समय से रणनीतिक साझेदारी है और इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सहयोग को और बढ़ावा देना है।

रूस रक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों में भारत (India) का एक प्रमुख भागीदार रहा है और दोनों देश परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के विकास और रक्षा उपकरणों की आपूर्ति सहित कई परियोजनाओं पर मिलकर काम कर रहे हैं। पीएम मोदी (Pm Modi) की रूस यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देश आतंकवाद के खतरे और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता सहित समान चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच इन मुद्दों पर चर्चा होने और आतंकवाद-रोधी तथा आर्थिक विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है।

रूस (Russia) की अपनी यात्रा के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ऑस्ट्रेलिया (Australia) जाएंगे, जहां वे ऑस्ट्रियाई राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलन और चांसलर सेबेस्टियन कुर्ज़ से मिलेंगे। इस यात्रा से ऑस्ट्रिया के साथ भारत के संबंधों को मजबूती मिलने और व्यापार, निवेश तथा प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन दोनों देशों के कूटनीतिक कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण घटना है, और वर्तमान वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए इस वर्ष का शिखर सम्मेलन विशेष रूप से महत्वपूर्ण होने की उम्मीद है। शिखर सम्मेलन दोनों देशों को द्विपक्षीय सहयोग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने और सहयोग के नए क्षेत्रों की खोज करने का अवसर प्रदान करेगा।

शिखर सम्मेलन के दौरान जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है, उनमें शामिल हैं:

रक्षा सहयोग: भारत और रूस के बीच लंबे समय से रक्षा साझेदारी है, और दोनों देशों के बीच इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा होने की उम्मीद है, जिसमें रक्षा उपकरणों की आपूर्ति और संयुक्त सैन्य परियोजनाओं का विकास शामिल है।

ऊर्जा सहयोग: रूस भारत (russia-india) को ऊर्जा का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है, और दोनों देशों के बीच इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा होने की उम्मीद है, जिसमें परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का विकास और तेल और गैस की आपूर्ति शामिल है।

व्यापार और निवेश: भारत और रूस (india and Russia) के बीच मुक्त व्यापार समझौते की स्थापना और संयुक्त आर्थिक परियोजनाओं को बढ़ावा देने सहित दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा होने की उम्मीद है।

आतंकवाद का मुकाबला: भारत और रूस के बीच खुफिया जानकारी साझा करने और संयुक्त आतंकवाद विरोधी रणनीतियों के विकास सहित आतंकवाद विरोधी प्रयासों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा होने की उम्मीद है। कुल मिलाकर, पीएम मोदी की रूस यात्रा दोनों देशों के कूटनीतिक कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण घटना होने की उम्मीद है, और इससे भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की संभावना है।

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