कांग्रेस नेता राहुल गांधी ( Congress leader Rahul Gandhi) ने सोमवार को असम ( Assam) में आई विनाशकारी बाढ़ से निपटने के सरकार के तरीके की आलोचना की और संकट के लिए भाजपा (BJP) की “डबल इंजन” सरकार के “घोर और गंभीर कुप्रबंधन” को जिम्मेदार ठहराया। गांधी ने बाढ़ से प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया (Social Media) का सहारा लिया, जिसमें 60 से अधिक लोगों की जान चली गई, 53,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए और 2.4 मिलियन से अधिक लोग प्रभावित हुए।
राहुल गांधी ( Rahul Gandhi) ने लिखा, “असम (Assam) में आई विनाशकारी बाढ़ दिल दहला देने वाली है और 8 वर्षीय अविनाश सहित निर्दोष लोगों की जान जाना एक त्रासदी है। राज्य भर के सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है।” “ये आंकड़े भाजपा (BJP) की डबल इंजन सरकार (Double engine government) के घोर और गंभीर कुप्रबंधन का प्रमाण हैं, जिसने ‘बाढ़ मुक्त असम’ का वादा किया था।”राहुल गांधी ( Rahul Gandhi) ने स्थिति से निपटने के लिए एक व्यापक और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें तत्काल राहत, पुनर्वास और मुआवज़ा शामिल है, साथ ही एक व्यापक उत्तर पूर्व जल प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए एक दीर्घकालिक समाधान भी शामिल है। उन्होंने कहा, “असम को एक व्यापक और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण की आवश्यकता है – अल्पावधि में उचित राहत, पुनर्वास और मुआवज़ा, और एक व्यापक उत्तर पूर्व जल प्रबंधन प्राधिकरण जो दीर्घावधि में बाढ़ को नियंत्रित कर सके।” कांग्रेस नेता (Congress Leader) ने असम (Assam) के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की और केंद्र सरकार से राज्य को तत्काल सहायता प्रदान करने का आग्रह किया।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा, “मैं असम के लोगों के साथ खड़ा हूं। मैं संसद में उनकी आवाज़ हूं, और मैं केंद्र सरकार से राज्य को जल्द से जल्द हर संभव सहायता और समर्थन प्रदान करने का आग्रह करता हूं।” राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की आलोचना ऐसे समय में हुई है जब असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, कई इलाके अभी भी जलमग्न हैं और हजारों लोग विस्थापित हैं। राज्य सरकार ( State Government) संकट से निपटने के लिए आलोचना का सामना कर रही है, जिसमें कई लोगों ने अपर्याप्त राहत और बचाव प्रयासों का आरोप लगाया है। कांग्रेस (Congress) नेता की टिप्पणी से असम में बाढ़ की स्थिति पर राजनीतिक लड़ाई बढ़ने की संभावना है।