कोलकाता: पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण पश्चिम बंगाल (West Bengal) में भयंकर बाढ़ आ गई है। हुगली जिले के आरामबाग इलाके में घर और सड़कें जलमग्न हो गई हैं। इसके अलावा, उत्तरी जिलों कूचबिहार और अलीपुरद्वार के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। राज्य सरकार ने दक्षिण बंगाल में दामोदर नदी से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है, राज्य अधिकारियों से परामर्श किए बिना की गई ऐसी कार्रवाई से संभावित विनाशकारी परिणाम होने की चेतावनी दी है।
झारखंड से पानी छोड़े जाने का प्रभाव
झारखंड (Jharkhand) में दो बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण पश्चिम बंगाल (West Bengal) के दक्षिणी हिस्सों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। कोलकाता (Kolkata) पहले ही भारी बारिश से प्रभावित हो चुका है, नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (International Airports) पर बाढ़ की खबर है, हालांकि उड़ान संचालन अप्रभावित है। हालांकि, पश्चिम बर्धमान जिले के अंडाल में काजी नजरुल इस्लाम हवाई अड्डे पर परिचालन बाढ़ के कारण निलंबित कर दिया गया था। शुक्रवार को, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने आसनसोल में डूबे तीन लोगों के शव बरामद किए। हालांकि बारिश अस्थायी रूप से कम हुई है, लेकिन अगर ऊपरी इलाकों, खासकर दामोदर और अजय नदियों के आसपास से पानी छोड़ा जाता रहा तो स्थिति और खराब हो सकती है।
जिलों में व्यापक बाढ़
दक्षिण बंगाल में, 150-200 मिमी की बारिश ने हुगली, हावड़ा, बांकुरा, बीरभूम, पूर्वी बर्धमान और पश्चिमी बर्धमान सहित कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है। आरामबाग की तस्वीरों में सड़कें और गांव डूबे हुए दिखाई दे रहे हैं, जहां स्थानीय लोग बाढ़ के पानी से निकलने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) के मुख्य सलाहकार अलापन बंद्योपाध्याय ने संकेत दिया कि अगले 4-5 दिनों में कूच बिहार और अलीपुरद्वार जैसे इलाकों में जल स्तर और बढ़ सकता है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रही हैं और वरिष्ठ अधिकारियों से सलाह-मशविरा कर रही हैं। उन्होंने अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है।
सरकार की प्रतिक्रिया और सावधानियां
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और पुलिस अधीक्षकों (एसपी) के साथ नियमित संपर्क में हैं और आवश्यकतानुसार आवश्यक निर्देश जारी कर रही हैं। मुख्य सचिव ने डीएम और संबंधित विभागों के साथ बैठक की है, जिसमें विभिन्न जिलों में स्थितियों की निगरानी के लिए अधिकारियों को तैनात किया गया है। बंद्योपाध्याय ने कहा कि दामोदर घाटी नदी नियामक समिति के सचिव ने उन्हें एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के एकतरफा फैसले के बारे में सूचित किया है, जिसके निवासियों के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं। पानी छोड़ने की प्रक्रिया को धीमा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बंद्योपाध्याय ने लोगों से शांत और सतर्क रहने का आग्रह किया, खासकर महीने की 5 और 6 तारीख को। उन्होंने लोगों को नदी के किनारे के खतरनाक इलाकों से दूर रहने के लिए प्रशासनिक चेतावनियों का पालन करने की सलाह दी।