NEET-UG 2024: सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 परीक्षा में अनियमितताओं पर याचिकाओं पर सुनवाई की

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित पेपर लीक और अनियमितताओं से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई की। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud)ने जोर देकर कहा कि दोबारा परीक्षा पर तभी विचार किया जाएगा जब यह साबित हो जाए कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा की अखंडता से बड़े पैमाने पर समझौता किया गया था।

h2: परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए 40 से अधिक याचिकाएँ दायर की गईं (Over 40 Petitions Filed Alleging Exam Irregularities): CJI चंद्रचूड़ (CJI Chandrachud), न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ 40 से अधिक याचिकाओं की समीक्षा कर रही है, जिनमें NEET-UG 2024 परीक्षा में अनियमितताओं और पेपर लीक का आरोप लगाया गया है। याचिकाओं में परीक्षा को रद्द करने और फिर से आयोजित करने की मांग की गई है।

h3: याचिकाकर्ताओं के वकील ने दोबारा परीक्षा कराने की दलील दी (Petitioners’ Counsel Argues for Re-Exam): याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा ने दलील दी कि पेपर लीक की घटना व्यवस्थित थी और इसका परीक्षा की ईमानदारी पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। उन्होंने दलील दी कि लीक की वजह से पूरी परीक्षा प्रभावित हुई, इसलिए दोबारा परीक्षा कराना जरूरी हो गया।

h2: सीजेआई चंद्रचूड़ ने व्यापक प्रभाव के सबूत मांगे (CJI Chandrachud Seeks Evidence of Widespread Impact):  हालांकि, सीजेआई चंद्रचूड़ (CJI Chandrachud) ने इस बात को साबित करने के लिए ठोस सबूतों की जरूरत पर जोर दिया कि पेपर लीक का परीक्षा पर व्यापक प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा कि सिर्फ इसलिए कि 23 लाख उम्मीदवारों में से 1 लाख को लीक से फायदा हुआ है, इसका मतलब यह नहीं है कि दोबारा परीक्षा कराई जाए।

h3: सरकार और एनटीए ने दोबारा परीक्षा कराने का विरोध किया (Government and NTA Oppose Re-Exam): केंद्र सरकार (Central Government) और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA), जो नीट-यूजी (Neet UG) परीक्षा आयोजित करती है, ने दोबारा परीक्षा कराने की मांग का विरोध किया है। उन्होंने दलील दी कि कथित अनियमितताएं स्थानीय स्तर पर थीं और इससे परीक्षा की समग्र ईमानदारी पर कोई असर नहीं पड़ा।

h2: डेटा विश्लेषण में व्यापक धोखाधड़ी का कोई सबूत नहीं मिला (Data Analysis Finds No Evidence of Widespread Cheating): पिछले हलफनामे में, केंद्र सरकार (Central Government) ने कहा था कि IIT-मद्रास द्वारा NEET-UG 2024 के परिणामों के विश्लेषण में व्यापक धोखाधड़ी या उम्मीदवारों के किसी भी समूह को स्थानीय लाभ का कोई सबूत नहीं मिला। NTA ने एक अलग हलफनामा भी दायर किया जिसमें कहा गया कि उनके विश्लेषण में उम्मीदवारों के बीच कोई व्यवस्थित विफलता या असामान्य उच्च स्कोर नहीं पाया गया।

h3: अगली सुनवाई निर्धारित (Next Hearing Scheduled): सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मामले में अगली सुनवाई निर्धारित की है, जिसमें याचिकाकर्ताओं से उनके दावों का समर्थन करने के लिए और सबूत पेश करने की उम्मीद है। अदालत के फैसले का भारत में चिकित्सा शिक्षा के भविष्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।

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