नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री (Union Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने केंद्रीय बजट (Union Budget) 2024-25 में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) की 100 नई शाखाएँ स्थापित करके पूर्वोत्तर राज्यों में वित्तीय सेवाओं का विस्तार करने की योजना की घोषणा की। इस पहल का उद्देश्य क्षेत्र में वित्तीय समावेशन और पहुँच को बढ़ाना है।
IPPB: वित्तीय समावेशन के लिए उत्प्रेरक (IPPB: Catalyst for Financial Inclusion): IPPB, जो वर्तमान में अपने व्यापक शाखा नेटवर्क के माध्यम से लाखों खातों का प्रबंधन करता है, की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 2016 में शहरी श्रमिकों से उनके ग्रामीण परिवारों को धन हस्तांतरण को सरल बनाने के लिए की थी। अपनी व्यापक उपस्थिति के साथ, IPPB वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में सहायक रहा है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
IBC के तहत NCLT की उपलब्धियाँ (Achievements of NCLT under IBC): वित्त मंत्री ने दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) के तहत राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। 1,000 से ज़्यादा कंपनियों के मामले सफलतापूर्वक सुलझाए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप लेनदारों को ₹3.3 लाख करोड़ की वसूली हुई है। इसके अलावा, ₹10 लाख करोड़ से ज़्यादा के 28,000 मामले औपचारिक मंज़ूरी से पहले ही सुलझा लिए गए हैं।
ऋण वसूली बढ़ाने के लिए प्रस्तावित सुधार (Achievements of NCLT under IBC): इस सफलता को आगे बढ़ाने के लिए, सीतारमण ने ऋण वसूली और दिवालियापन प्रक्रियाओं को बढ़ाने के लिए कई सुधारों का प्रस्ताव रखा। इनमें शामिल हैं:- एनसीएलटी की दक्षता में सुधार- ऋण वसूली न्यायाधिकरणों को मज़बूत बनाना- कंपनी कानून के मामलों के लिए विशेष रूप से अतिरिक्त न्यायाधिकरण बनानाइन सुधारों का उद्देश्य दिवालियापन समाधान में तेज़ी लाना और ऋण वसूली प्रयासों को कारगर बनाना है।
पूर्वोत्तर राज्यों में वित्तीय सेवाओं का विस्तार (Proposed reforms to enhance debt recovery): पूर्वोत्तर राज्यों में 100 नई आईपीपीबी (IPPB) शाखाओं की स्थापना से क्षेत्र में वित्तीय सेवाओं में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
यह पहल:- वित्तीय समावेशन बढ़ाएगी
– बैंकिंग सेवाओं तक पहुँच में सुधार करेगी
– आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी
केंद्रीय बजट (Union Budget) 2024-25 में पूर्वोत्तर राज्यों में वित्तीय सेवाओं का विस्तार करने और ऋण वसूली प्रक्रियाओं को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण पहलों की घोषणा की गई है। नई आईपीपीबी (IPPB) शाखाओं की स्थापना और आईबीसी के तहत प्रस्तावित सुधार क्षेत्र में वित्तीय समावेशन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में एक लंबा रास्ता तय करेंगे।